लोगों की राय

उपन्यास >> काया स्पर्श

काया स्पर्श

द्रोणवीर कोहली

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :140
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8208
आईएसबीएन :9789381863060

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

171 पाठक हैं

प्रतिष्ठित कथाकार द्रोणवीर कोहली का यह नया उपन्यास एक अछूती समस्या को उठाता है

Kaya-Sparsh by Dronvir Kohli

ग्यारह प्रकाशित उपन्यासों के प्रतिष्ठित कथाकार द्रोणवीर कोहली का यह नया उपन्यास एक अछूती समस्या को उठाता है- कतिपय आधुनिक एवं धनाढ्य परिवारों में लड़के-लड़कियों की समस्या जो भौतिक सुख-सुविधाओं के बावजूद स्नेह-सौहार्द के अभाव में मन रोगी हो जाते हैं। उनकी चिकित्सा और देख-भाल के लिए उनके पास ढेरों धन तो हैं, लेकिन ‘समय’ नामक अमूल धन जो उनके पास मौजूद है, उसे वह अपने बच्चों पर व्यय करना जानते ही नहीं, जिसके परिणामस्वरूप इन बच्चों का सही उपचार नहीं हो पाता और अन्त में त्रासदी शेष रह जाती है।

लेखक ने इस स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया है और बड़ी कुशलता से ‘हृदय’ ‘सुगति’, ‘इक्ष्वाकु’ अर्थात ‘इच्छू बाबा’, ‘काया’ जैसे सीमित चरित्रों को परत-दर-परत खोल कर रख दिया है - किसी मनोचिकित्सक के बौद्धिक व्यायाम की तरह नहीं, किसी संवेदनशील कथाकार की भांति।

द्रोणवीर कोहली के इस उपन्यास की बड़ी विशेषता यह भी है कि प्रकाशन से पूर्व इन्होंने अपनी सम्पूर्ण पांडुलिपि प्रसिद्ध क्लिनिकल मनोचिकित्सक डॉ. नीरजा कुमार को दिखाई थी। नीरजा को अचानक अमेरिका जाना पड़ा जिस कारण उपन्यास प्रकाशन में विलम्ब हुआ। लेकिन उन्होंने उपन्यास के अन्तिम अंश के बारे में जो अपने विचार वहाँ से भेजे, लेखक ने उन्हें सहर्ष स्वीकार किया है। इन्हें पुस्तक के अन्त में ‘अनुबोध’ शीर्षक से सम्मिलित कर लिया है।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book